Friday, December 3, 2021

पढ़क्कू की सूझ | कक्षा 4 | हिन्दी | गृह कार्य | उत्तर

गृहकार्य

उत्तर :

तुकवाले शब्द

नीचे दिए गए शब्दों के तुकवाले शब्द कविता से ढूँढ़ कर लिखो I

शब्द

तुकवाले शब्द

शब्द

तुकवाले शब्द

पाए

चलाए

कोरे

थोड़े

ऐसे

कैसे

जाए

हिलाए

आओगे

पाओगे

जाओ

फैलाओ

कविता पूरा करो

1. 

कोल्हू का यह बैल तुम्हारा चलता या अड़ता है ?

रहता है घूमता , खड़ा हो या पागुर  करता है ?

 2.

यहाँ सभी कुछ ठीक-ठाक है , यह केवल माया है ,

बैल हमारा नहीं अभी तक मंतिख पढ़ पाया है I

3. 

कई दिनों तक रहे सोचते, मालिक बड़ा गज़ब है ?

सिखा बैल को रक्खा इसने, निश्चय कोई ढब है I

4. 

एक पढ़क्कू बड़े तेज़ थे , तर्कशास्त्र पढ़ते थे ,

जहाँ न कोई बात, वहाँ भी नई बात गढ़ते थे I 


मेहनत के मुहावरे


नीचे दिए गए मुहावरों में से कौन से मुहावरे मेहनत और कोशिश से जुड़े हैं ?

तलवार फैंकना

कोल्हू का बैल

त्योरियाँ बदलना

दिल पर जमना

जान आफत में होना

मन बैठ जाना

बात जँचना

खून-पसीना एक करना

एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना

चेहरा उतरना

बात साफ़ हो जाना

गोल-माल करना

 

 

 

कलई खुलना

खाक छानना

सिर आँखों पर होना

पसीना बहाना

दौड़ – धूप करना

सिर झुकाना

आँख भर आना

अंगूठा दिखाना

ऊँगली पर नचाना

आँखों का तारा होना

ज़िगर का टुकड़ा

दिन-रात एक करना

 

 

 

हिम्मत टूटना

जी तोड़ काम करना

नौ-दो ग्यारह होना

जान से हाथ धोना

पैरों पर खड़ा होना

पानी फेरना

पानी पानी होना

आकाश-पाताल एक करना

खून चूसना

प्राण निकल जाना

ज़मीन–आसमान एक करना

अकल का दुशमन

विलोम शब्द

नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखें I

शब्द

विलोम शब्द

साँझ

सबेरा

तनिक

खूब

मालिक

नौकर

चलना

ठहरना

फ़िक्र

बेफिक्री

तेज़

धीमा

बेवकूफ

चालाक

कोरा

गन्दा

माया

सन्यास

एक शब्द में प्रकाश करो

नीचे लिखे वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखें I

वाक्यांश

एक शब्द

ज़्यादा पढ़ने वाला

पढ़क्कू

ज़्यादा लड़ने वाला

लड़ाकू

अधिक बोलने वाला

बातूनी

अधिक खाने वाला

पेटू

अधिक खर्च करने वाला

खर्चीला

अधिक काम करने वाला

कर्मठ

अधिक क्रोध / गुस्सा करने वाला

क्रोधी

अधिक झगड़ा करने वाला

झगड़ालू

अधिक डरने वाला

डरपोक

पर्यायवाची  शब्द

नीचे दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द पढ़क्कू की सूझ कविता से ढूँढ़कर लिखो I

शब्द

पर्यायवाची शब्द

मंतिख

तर्कशास्त्र

आश्चर्य

गज़ब

गला

गर्दन

वृषभ

बैल

चिंता

फ़िक्र

मूर्ख

बेवकूफ

खाली

कोरा

शाम

साँझ

कपट

माया

 

 


No comments:

Post a Comment